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June 10 Muni Service Changes Adds Service on Connector Routes

June 10 Muni Service Changes Adds Service on Connector Routes By Clive Tsuma The 38R Geary Rapid will run every 6 minutes starting June 10 Starting Saturday, June 10, the SFMTA will be adding Muni service on several lines to address crowding, wait times and to support increased summer tourism. We’re also making some stop changes to serve more customers and make the service more accessible and reliable.  Increased Service  To address crowding and reduce pass-ups, we’re adding service on the 1 California between Clay and Drumm streets and California Street and Presidio Avenue – where demand is highest – on weekdays from 7 a.m. to 7 p.m.  We’re also going to be starting service earlier on the 1X California Express, at 7:30 a.m. instead of 8 a.m., in response to customer feedback, as well as adding stops at Cherry, Spruce and Laurel streets and Presidio Avenue.   We’re also extending the evening service to the Presidio at 30 Stockton seven days a week. The last trip from the Sports

श्री हरी नरायण विष्णु जी के पहले अवतार की पूरी कहानी

नमस्कार दोस्तों

आप सब का हमारे ब्लॉग के पोस्ट श्री हरि नारयण विष्णु जी के पहले अवतार की पूरी कहानी पर स्वागत है।

नमस्कार दोस्तो,जब जब धरती पर पाप का विकास और पुण्य की कमी होती हैं|जब जब धर्म की हनी होती हैं,,तब तब हरी नरायण विष्णु धरती पर अवतरित होते हैं और पाप का संहार कर हरी नरायण विष्णु तब तब धरती पर अवतरित होकर धर्म की संचार करते हैं|हरी नरायण विष्णु ने अपना पहला अवतार मतसय रूप मे लिया था|इस अवतार का शुरूआत उस समय होता हैं जब जगत पर प्रलय आती हैं|प्रलय के अंत मे फिर से एक बार हरी नरायण विष्णु मछली रूप में अवतरित होकर नयी जगत और युग का नया आरम्भ कर मनु और सपतॠषि के गरिमा की रक्षा के लिए और एक नये युग के शुरूआत के लिये और जनकल्याण और धर्म संचार के लिये प्रभु श्री हरी नरायण विष्णु मछली रूप मे अवतरित होते हैं|पौराणिक धर्म ग्रंथ के अनुसार बात उस समय की है जब धरती पर बहुत बडा प्रलय आने बाल था|उस समय रजा सतयवरत का शासन चल रहा था| रोजान राजन तलाब मे सनान करने जाते थे|एक दिन की बात हैं जब राजन तलाब में सनान करने के बाद सुर्य भगवान को जल अर्पित कर रहे थे|तो उनके हाथो में रखे जल मे एक छोटी मछली आ गयी|और मछली राजन से विनती करने लगी|हे राजन आप मुझे फिर से इस तलाब में न डालो|मेरी किसमत अच्छी हैं इसलिए मै शायद आपके हाथो के जल में आयी हु|आप फिर से मुझे तलाब में न डाले|कयोकि इस तलाब मे विशाल जलचर रहते हैं|जिसके कारण मेरा जीवन इस तलाब में सुरक्षित नहीं हैं|मछली की विनती सुनकर राजन यह सोचने लगे कि यह तो एक छुदर मछली हैं और हमर महल बहुत बडा है|यह कही भी महल मे रह लेगी|यह सोचकर राजन उस छोटी मछली को अपने साथ अपने महल में ले आए|और उसके रहने के लिए एक सोने का टप बनया गया|और उसमे साफ पानी डाल गया|और मछली के लिये आहर का व्यवस्था किया गया|और राजन ने मछली को उस सोने के टप में रख|फिर थोडी देर बाद मछली ने राजन को आवाज दी|हे राजन मेरी रक्षा करो|राजन फोरन उस मछली के पास आये|और आकर राजन ने देखा की मछली अब थोडी बडी हो गई हैं जिसके कारण उसे तकलीफ हो रही थी|फिर राजन ने फौरन एक बडी सोने की टप बनबयी|और उसमे मछली को रख|कुछ देर बाद फिर से मछली ने राजन को आवाज दी|हे राजन मेरी रक्षा करो|राजन फौरन मछली के पास आये|और उनहोने देखा कि एक बार फिर से मछली पहले की अपेक्षा काफी बडी हो गयी थी जिसके कारण मछली को परेशानी हो रही थी|राजन ने फौरन ओर बडा टप बनया|और फिर उसमे मछली को रख|फिर वापस कुछ देर बाद मछली ने राजन को आवाज दी|हे राजन मेरी रक्षा करो|राजन फौरन आए और उनहोने देखा की मछली अब पहले से काफी बडी हो गयी थी|और उस छोटे टप मे मछली को परेशानी हो रही थी|यह सब देखकर राजन अचंभित थे|और वो समझ गये कि यह मछली सधारण नहीं हैं|और अब राजन को अपनी भुल (मछली को छोटा समझना और खुद को बडा समझने की भुल)का एहसास हो गया|और राजन फौरन मछली से माफी लिये|हे मतषय महराज हमे क्षमा कर दे|हमारे अंदर जो अहंकार था|और हमने इसी अहंकार वश जो आपको छुदर बोला था उसके लिए हमे माफी दे दे|राजन की विनती सुनकर मछली ने राजन से बोला|हे राजन आप मुझे वही तलाब मे छोड आए जहां से आपने मुझे लय था|कयोकि हमारे लिये वही सर्वोतम जगह हैं|और मै आपको माफी देता है|राजन ने फौरन मछली को तलाब ले जाने का व्यवस्था किया|और मछली को वापस उसी तलाब में छोड आये जहां से उसे लये थे|पर जैसे ही राजन ने मछली को तलाब मे छोडा वैसे ही मछली का आकार विशालकाय होने लगा|अब राजन को समझते देर न लगी,कि ये कोई दिव्य आतम है|राजन ने फौरन विनती करनी शूरू की|कि हे प्रभु आप अपने मुल रूप में हमे दर्शन दे|राजन की विनती सुनकर श्री हरी नरायण विष्णु अपने चतुर्भुज रूप का दर्शन राजन को दिये|प्रभु का सक्षत दर्शन पाकर राजन का जीवन धन्य हो गया|फिर श्रीहरी नरायण राजन से बोले|हे राजन आज से ठीक ७ दिन बाद एक बहुत बडा प्रलय आएगा|और सारे जगत का विनाश हो जायेगा|और फिर से एक नये युग का आरम्भ होगा|और आपसे इस नये युग का आगज होगा|तो इसके लिये आपको उस दिन अपने साथ सपतॠषि,मनव के सुक्षम शरीर,अनाज,बीज,धन धनय,भुलोक आदी सभी को लेकर एक नौक में सवार हो जान|यह नौका आपके पास हमारी शक्ति से आएगी|जब प्रलय अपने चरम सीमा पर होगी|तब उस समय आप सभी को अपने साथ लेकर इस नौका में सवार हो जान और मै उसी समय विशाल मछली के रूप मे अवतार लुगा|और आप नाव को हमारे सिग से बांध देना|जिससे यह नौका नहीं डुबेगी|और इस रात के बाद फिर एक सुनहरी सुबह होगी|और आप उस समय वसुकीनथ मे होंगे|और अब आप मनु कहलयेगे|और फिर आप से एक नये युग का आरम्भ होगा|राजन सत्य व्रत ने ठीक वैसा ही किया|जैसा प्रभु ने राजन को आदेश दिया था|तो इस तरह से श्री हरी नरायण ने मछली रूप में अवतरित होकर धर्म की सथपन की और लोगो का कलयण किया और एक नये युग का आरम्भ हुआ|तो यह थी श्री हरी हरी नरायण की पहली अवतार की कथ|हरीओम|और ऐसे ही रोचक कहानी के लिये यहां पर किलक करे|||||||||https//adsdharamvideo.blogspot.com

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