नमस्कार दोस्तों
आप सब का हमारे ब्लॉग के पोस्ट (दोस्ती हो तो ऐसी --part 1)पर हार्दिक हा्दिक स्वागत है।
एक गांव था,उस गांव का नाम मशहूर नगर था, वहां एक दंपति रहते थे, वो बहुत ही गरीब थे, वह मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों का भरण पोषण करते थे, और अपने परिवार चलाते थे,बह बहुत ही ईमानदार थे,उनका एक बहुत ही प्यारा व नटखट पुत्र था, जिसका नाम रोशन था, रोशन बहुत ही शरारती था, रोशन के माता-पिता रोशन की परबरीश बहुत ही अच्छी तरह से कर रहे थे, हालांकि वे गरीब थे, लेकिन अपने लाल की हर इच्छा को वो बहुत ही अच्छी तरह से पुरा करते थे, जब रोशन चार साल का हुआ तो उनके माता-पिता ने रोशन का दाखिला एक प्राइवेट स्कूल में करवा दिया , रोशन बचपन में पढ़ने में कमजोर था, जिसके बजह से बह नसृरी क्लास में दो साल तक रहा, फिर उनके माता-पिता ने रोशन का दाखिला एक दूसरे स्कूल में करवा दिया था, पर ताजुब की बात यह है कि पिछले सकुल में रोशन दो साल तक नसृरी में पढ़ने के बाबजूद उसे कुछ नहीं आता था, लेकिन इस नए स्कूल में आने के बाद रोशन पढ़ने में तेज हो गया और बस छः महीने की नसृरी के क्लास के बाद बह पहली कक्षा में आ गया, उनके टीचर ने यह फैसला लिया कि बह अब बस छः महीने की नसृरी क्लास में बह इतना तेज हो गया था कि उनके टीचर ने उसे बस छः महीने में ही उसका पमैशन कर पहली कक्षा में प्रवेश कर दिया, जब रोशन पहली कक्षा में पढ़ना शुरू किया तो वह बहुत ही जोश में था, और मन लगाकर पढाई करता था,उस दरम्यान उसकी दोस्ती अच्छे अच्छे लड़के के साथ हों गई,उसके सारे दोस्त भी पढ़ने में तेज थे, पर रोशन अपने सारे दोस्त से पढ़ने में तेज था।
https://adsdharamvideo.blogspot.com/2019/03/dosti-ho-to-ishipart-2.html
https://youtube.com/channel/UCpbEB9xKmYqIx-PJawL98oA
आपने दोस्तों का प़ढाई में मदद भी करता था, सारे दोस्त एक साथ पढ़ते थे, और एक साथ खेलते भी थे, और रोशन की दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि वे सब एक साथ एक ही थाली में आपस में बैठकर खाना खाते थे। रोशन के सारे दोस्त में गहरे दोस्त चार थे,जिनका नाम बिटु,राजु,गोलु और बंटी था,से पांचों में तो गहरी दोस्ती थी ही और वे पांचों के घर भी एक ही मोहल्ले में था, जिसके कारण वे दिन भर सकुल में भी साथ रहते थे और सकुल से घर आने के बाद भी वे साथ में खेलते थे, रोशन पढ़ने में तेज था इसलिए बो हर क्लास में अच्छे अंक से पास होता था, और उसके दोस्तों का भी अंक अच्छा ही आता था, इस तरह से रोशन उस स्कूल , टीचर, और अपने सारे दोस्तों का चहेता बन गया था,वो सकुल के हर फंक्शन और हर प्रोगाम में हिस्सा लेता था,कभी कभी प्रोगाम में हिस्सा लेने के लिए उसे पैसे की कमी पड़ जाती थी तो उनके गहरे दोस्त रोशन की मदद करते थे, रोशन के माता-पिता गरीब थे, और उसके माता-पिता मजदूरी कर अपना परिवार चलाते थे, रोशन के चारों दोस्त के पिता जी अलग-अलग डिपार्टमेंट के सरकारी अफसर थे, जिसके कारण रोशन के दोस्त के पास पैसे की कमी नहीं थी।
https://adsdharamvideo.blogspot.com/2019/03/dosti-ho-to-ishipart-3.html
पर रोशन गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था, इस लिए उसे पैसे की कमी पड़ती थी, हालांकि उसके चारों दोस्त बहुत ही अच्छे थे, रोशन के दोस्तों ने कभी भी भेदभाव नहीं करते थे, और जरुरत पड़ने पर रोशन की मदद भी करते थे, लेकिन रोशन स्वभाव से स्वाभिमानी था, इस लिए वह अपने दोस्तों से कभी यह शेयर नहीं करता था कि उसे पैसे की कमी महसूस हो रही है, पर रोशन के चारों दोस्त बहुत ही समझदार थे।
https://adsdharamvideo.blogspot.com/2019/03/dosti-ho-to-ishipart-4.html
के बिना बताए वे समझ जाते थे कि रोशन को क्या जरूरत है और वे लोग बिना किसी स्वार्थ के रोशन की सहायता करते रहते थे, और रोशन भी अपने चारों दोस्तों की सहायता करता था,बह अपने दोस्तों की पढ़ाई में सहायता करता था, रोशन को अपने दोस्तों की पढ़ाई में सहायता करना अच्छा लगता था, क्योंकि रोशन पढ़ने में अपने चारों दोस्तों से तेज़ था,वे सब एक दूसरे को बहुत ही अच्छी तरह से समझते थे, और एक दूसरे की भावनाओं का कदर भी करते थे।
https://adsdharamvideo.blogspot.com/2019/03/dosti-ho-to-ishipart-5.html
वे सब आपस में मिल जुल कर रहते थे,मानो वे सब आपस में भाई भाई हो, भाईयों से भी ज्यादा प्यार था उनमें, संकुल के हर फंक्शन में वे एक साथ शामिल होते थे,आगे की कहानी पढ़ने के लिए कृपया आप हमारे ब्लाग पर किल्क कर दोस्ती हो तो ऐसी का पाठ दो पढ़ें,,,,,,,, धन्यवाद दोस्तों,,,,,,,,
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
I provided by online earnings tips, offers, business and information